The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
Salutations for the Goddess who may have the form of root chants Who because of the chant “Aim” has the form with the creator Who by the chant “Hreem” has the form of one who takes care of every thing And who because of the chant “Kleem” has the form of enthusiasm
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
Salutations to the just one who's angry, salutations to your killer of Madhu, Salutations to 1 who was victorious over Kaitabha, salutations into the killer of Mahisha
This Mantra retains terrific importance On the subject of attaining a blissful psychological point out and spiritual progress.
कभी उड़ान नहीं भर पाएगी जेट एयरवेज, सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइन के read more ऐसेट्स बेचने का दिया आदेश
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.